Wednesday, October 31, 2018

फिर आएंगे नेता मेरे गांव में.....


फिर आएंगे नेता मेरे गांव में |
अबके लूँगा सबको अपने दाव में |
पूछूँगा सड़क क्यों बनी नहीं ?
हैण्ड पम्प क्यों  लगा नहीं ?
क्यों बिजली नहीं आई मेरे गांव में ?
फिर आएंगे नेता मेरे गांव में |
मँहगाई इतनी क्यों बढ़ी हुई है ?
डीजल की कीमत क्यों चढ़ी हुई है ?
क्यों दाल-सब्जी सस्ती नहीं मेरे गांव में ?
फिर आएंगे नेता मेरे गांव में |
अबके लूँगा सबको अपने दाव में |
पूछूँगा कब मैंने मन्दिर माँगा ?
कब मैंने तुमसे मस्जिद मांगी ?
अबके नहीं लगने दूंगा वोटों का भाव मैं ?
फिर आएंगे नेता मेरे गांव में |
अबके लूँगा सबको अपने दाव में |



Image result for image of political leader

Tuesday, April 17, 2018

बेटियाँ सुरक्षित नहीं है---

बेटियाँ सुरक्षित नहीं है अपने ही घर में .

और बेटी बचाओ का नारा आम हो गया

निर्भया और आसिफा की सुनेगा कौन .

जब देश का सिस्टम ही जाम हो गया .

रक्षक ही भक्षक बन बैठे  है अब यहाँ .

वोट के खातिर नेताओं का ईमान खो गया.

 कसमें रक्षा की खाता था जो जवान .

कहो आज वह कैसे हैवान  हो गया .

होते होते हिंदुस्तान और महान हो गया .

   अब रैप भी यहाँ हिन्दू मुसलमान हो गया.. 


Tuesday, February 27, 2018

इन्सान रहने दो इन्सान को !

कभी सोचता हूँ यदि ईश्वर-अल्लाह इत्यादि एक ही है

तो हम सबको अलग-अलग पैदा क्यों किया ?

इस बारे में क्या सोचते है आप ?

और माना कि पैदा  किया  भी तो फिर बीच में

कहाँ से आ टपके हमारे माँ-बाप ?

और पर्वत-पहाड़ नदियाँ तो बनते बिगड़ते है अपने आप

फिर इन सबको भी ऊपर वाले ने बनाया क्यों कहते है आप ?

और कभी सड़क पर आपको ड्राईवर टक्कर से बचा भी दें

तो आप पूरा श्रेय देते हैं भगवान को !

और मर गए तो आफत आती है ड्राईवर की जान को !

थोडा  सोचो यार जाति-धर्म और भगवानों में क्यों बाँटते हो इंसान को ?

हम सब इंसानों की औलाद है तो बस इन्सान रहने दो इन्सान को !

Wednesday, February 14, 2018

Happy Valentine day

जब पकने लगती है कच्ची अमियाँ ,

और जब आने लगती हैं  यह गर्मियां ,

तब एक तड़प सी उठती है,

लगता है कुछ तो था,

तुम्हारे-हमारे दरमियाँ |

अब साथ नहीं है हम और तुम,

याद तुम्हारे सितम भी है,

पर प्यार नहीं हो पाया गुम |

Happy Valentine day

Tuesday, March 14, 2017

नई शुरुआत-----


जो हो चुका सो हो चुका,
तुम इक नई शुरुआत करो.
हर चीज बदलती है,
अपनी आखिरी साँस के साथ,
तुम फिर से कोई जुदा बात करो.
उजड़ गया गर शहरे-आलम सारा,
तुम फिर नया अहसास गढ़ों.
पकड़ो किसी का हाथ फिर से,
कदम मिला कर साथ बढों,
पानी में घुले नमक को तुम
अलग नहीं कर सकते,
पैदा फिर नये जज्बात करो.
जो हो चुका सो हो चुका,
तुम इक नई शुरुआत करो.

Tuesday, January 24, 2017

सरकारी विज्ञान


“देखो बच्चों गाय का मूत्र और गोबर सबसे पवित्र होता हैं” !
हाँ तुम्हारे बचपन ,सोच और काम से भी ज्यादा !
“गाय ऑक्सीजन ही लेती है और छोड़ती भी है” !
विज्ञान कुछ भी कहे सब बकवास है !
यह देवों के देव ‘वासुदेव’ का ज्ञान है !
जो इन्सान और परम्परा को जोड़ता है !
यह मान लो, पीपल का पेड़ भी रात में ऑक्सीजन छोड़ता है !
यह सब हमें पढ़ाना है शिक्षा की आड़ में,
वैज्ञानिक नजरिया जाये भाढ़ में.
और लड़कियों तुम हमेशा ध्यान रखना,
करवां चौथ का चाँद पूजने से ही होती है,
पति की लम्बी उम्र ! उसके लिए सदैव दुआएँ करना,
ताकि कूटता-पीटता रहे वो तुम्हें जीवन भर !
और अपने पति से आगे कदम रखने का दुस्साहस कभी ना करना !
यह ना शास्त्र सम्मत है और ना ही धर्म !
समझती हो ना तुम स्त्री धर्म ?
और एक बात और कभी परम्परा विरुद्ध काम ना करियो !
सुबह उठते ही पति देव, सूर्य देव को प्रणाम करियो !
अपनी संस्कृति और परम्परा का रखना ध्यान !
‘बर्बाद’ कर देगा तुम्हें आज का विज्ञान !
किताब, विज्ञान और नवल की बातों पर मत देना ध्यान !
भव सागर से तार देगा तुम्हें ‘सरकार’ और  ‘वासुदेव’ का ज्ञान !


[राजस्थान के शिक्षा मंत्री द्वारा दिए बयान पर आधारित]

Tuesday, January 17, 2017

ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर------

हमने दुश्मन ना बनाया किसी को,
ना किसी को बनाया दोस्त,
ना किसी के साथ दारू पी,
ना किसी के साथ खाया गोस्त.
ना गुटखा,तम्बाकु, खैनी खाई ,
ना बीड़ी पी,ना ही चबाया पान,
बस अपने काम में लगे रहे,
धरे कभी ना इधर-उधर कान.
मोह्ब्बत करने की धुन लगी,
पर उसमें भी हो गये फ़ैल ,
सफल मोहब्बत में  वही होता ,
जिसने खेले ऊपर वाले सब खेल.
फक्कड़ रहकर मस्त है,
करते दुनिया की सैर,
ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर.