Monday, January 18, 2016

तुम्हारा आना !


तुम्हारा आना,
एक स्वप्न का साकार होना        
था मेरे लिए,
मैं मन्नतें माँगने में
विश्वास तो नहीं करता,
पर कर्म में लगा रहा अनवरत
बिना विचलित हुए,
इस विश्वास के साथ
कि तुम आओगी एक ना एक दिन
मेरे आँगन,
परी बनकर
और तुमने कर दिखाया
एक बाप का स्वप्न साकार.
अब बारी है मेरी,
तेरे सपनों को साकार करने में
नही रखूँगा कोई कसर,
वादा है मेरा तुझसे.

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