घट रही है घटनाएँ जिस तेजी से इस दौर में .
घुट रही सत्य की आवाज़ अन्याय के शोर में.
कहते कुछ है करते कुछ हैं राजनीति की दौड़ में.
बेदाग बचा है नवल कोई इस आपा-धापी की होड़ में ???
घुट रही सत्य की आवाज़ अन्याय के शोर में.
कहते कुछ है करते कुछ हैं राजनीति की दौड़ में.
बेदाग बचा है नवल कोई इस आपा-धापी की होड़ में ???
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ नवल जी....
ReplyDeleteअनु
Thanks anu.
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