Monday, July 16, 2012

कातिल

Photo: तुमने क्या सोचा था इतनी आसानी से मर
जायेगें मेरे सपने ?
मेरे सपने वो नही जो मर जायेगें इतनी आसानी से !
जी उठे है फिर से पा कर सहारा किसी और का !
और फिर से ली है अंगड़ाई इन्होने जी भर कर
हँसने-मुस्कुराने और फलने-फूलने के लिए !
पर अब होशियार और ख़बरदार हूँ मैं
कातिलों की निगाहों से ---
बचा कर पालूंगा -पोशुगां अपने सपनों को
तुम जैसे गैरतमंद लोगों से ---
दुआ करो कि किसी कि नज़र न लगे इन्हें फिर से --


By :- Naval Kishore Soni 
.
 कातिल तो हो तुम मेरी !
बेशक नही किया तुमने खून मेरा
पर मेरे सपनों का क़त्ल तो किया तुमने
जानती  थी  तुम कि आसन नही है मुझ पर

तीर-तलवार चलाना ------
इसलिए तुमने मेरे सपनों को बनाया
 अपना निशाना----------
       तुम सजा की हक
दार तो हो मेरी जानेजाना 
     यह जानते हुए भी कि मेरे मारे जाने से
             भी खतरनाक था मेरे सपनों का मारे जाना-----
        किया तुमने मेरे
सपनों का कत्ल ----
     आखिर कातिल तो हो तुम मेरी -------

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