Monday, July 2, 2012

आज़ादी का सूरज और प्यार

Photo: Teri ulfat ko kabhi nakam na hone denge
Teri DOSTI ko kabhi badnam na hone denge
Meri zindagi main Suraj nikle na nikle
Teri zindagi main kabhi shaam na hone denge…

By :- Manav Human
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प्रियतम मेरे दिल में तेरे लिए असीमित प्यार है .
पर  रोते बिलखते बचपन को भी तो इसकी दरकार है.
देख कर हालात देश के कैसे रह सकता हूँ मौन ?
देश में फैले अशिक्षा के तम को दूर करेगा कौन ?
जबकि बहेलिये  इस जनता को लूटने को तैयार हैं.
प्रियतम मेरे दिल में तेरे लिए असीमित प्यार है .
पर  रोते बिलखते बचपन को भी तो इसकी दरकार है.
जी तो बहुत करता है तेरे ख्वाबों में खो जाने का.
पर वक़्त कहाँ मिलता है तेरी जुल्फों को सुलझाने का ?
हालात देश के उलझे हैं ,उलझे है उनमें हम भी अब .
रोशन होगा सच्ची आज़ादी का सूरज न जाने कब ?
कोंपलें तो खिल रही है पौधा खिलने को तैयार है .
प्रियतम मेरे दिल में तेरे लिए असीमित प्यार है .
पर  रोते बिलखते बचपन को भी तो इसकी दरकार है.


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