Tuesday, July 17, 2012

मेरे सपने

Photo: कातिल तो हो तुम मेरी !
बेशक नही किया तुमने खून मेरा
पर मेरे सपनों का क़त्ल तो किया तुमने
जानती थी तुम कि आसन नही है मुझ पर
तीर-तलवार चलाना ------
इसलिए तुमने मेरे सपनों को बनाया
अपना निशाना----------
तुम सजा की हक दार तो हो मेरी जानेजाना
यह जानते हुए भी कि मेरे मारे जाने से
भी खतरनाक था मेरे सपनों का मारे जाना-----
किया तुमने मेरे सपनो का कत्ल ----
आखिर कातिल तो हो तुम मेरी -------


by : Naval Kishor Soni

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तुमने क्या सोचा था इतनी आसानी से मर
जायेगें मेरे सपने ?
मेरे सपने वो नही जो मर जायेगें इतनी आसानी से !
जी उठे है फिर से पा कर सहारा किसी और का !
और फिर से ली है अंगड़ाई इन्होने जी भर कर
हँसने-मुस्कुराने और फलने-फूलने के लिए !
पर अब होशियार और ख़बरदार हूँ मैं
कातिलों की निगाहों से ---
बचा कर पालूंगा -पोशुगां अपने सपनों को
तुम जैसे गैरतमंद लोगों से ---
दुआ करो कि किसी
की नज़र न लगे इन्हें फिर से --

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