Friday, August 17, 2012

देश जवाब मांगता है !

जब भी कोई संविधान की सीमा लांघता है ,
गाँधी-नेहरु का  देश जवाब मांगता है !
पूछता है क्यों सत्य का गला रुंध है ?
क्यों न्याय पर छा रही अन्याय की धुंध है ?
क्यों लुटती नारी आज यहाँ ,क्यों पौरुष खाक छानता है ?
जब भी कोई संविधान की सीमा लांघता है ,
गाँधी-नेहरु का  देश जवाब मांगता है !
क्यों कन्या भ्रूण हत्याएं होती है ?
क्यों अबलायें रोती है ?
क्यों पग पग पर मौत की घाटी है ?
क्यों सत्य अहिंसा पर मिलती लाठी है ?
लोकतंत्र का प्रहरी क्यों दर दर की धूल
फांकता है ?
जब भी कोई संविधान की सीमा लांघता है ,
गाँधी-नेहरु का  देश जवाब मांगता है !

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