चाँद पर रख दिए हमने कदम विकास कर रहे हैं हर दम पहुंचे हैं आज यहाँ हम सदियों में. पर आज भी पूजा जाता है चाँद मेरे गांव/शहर की गलियों में , और चौथ का व्रत रखती हैं महिलाएं खुश करने को अपने सुहाग को, बी. एस.सी करती है पढ़ती हैं विज्ञान को, पर आज भी दूध पिलाती है नागपंचमी पर नाग को. चाहे जितना कर लो तुम विकास वो अब भी मिथकों पर है मरती . उनके लिए आज भी शेष नाग पर टिकी है धरती !!!!! |
समसामयिक मुद्दों पर लिखने में मेरी रूचि हमेशा से रही है और इसी का परिणाम यह कवितायेँ हैं .
Tuesday, August 21, 2012
पढ़ती हैं विज्ञान को--------!!!!
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